chaiti chaath
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सूर्य उपासना का महापर्व छठ हिन्दू नववर्ष के पहले महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दौरान लौकी की सब्जी और अरवा चावल को खाने का विशेष महत्व होता है। चैती छठ: महत्वपूर्ण दिन नहाय-खाए : 9 अप्रैल खरना-लोहंडा : 10 अप्रैल सायंकालीन अर्घ्य : 11 अप्रैल प्रात: कालीन अर्घ्य : 12 अप्रैल सूर्य उपासना का महापर्व छठ हिन्दू नववर्ष के पहले महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व संतान, अरोग्य व मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये रखा जाता है। इसको रखने से तन मन दोनों ही शुद्ध रहते हैं। इस व्रत को पूरे विश्वास और श्रद्धापूर्वक रखने से छठी माता अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। नहाय-खाय से सप्तमी के पारण तक व्रत रखा जाता है। इस दौरान लौकी की सब्जी और अरवा चावल को खाने का विशेष महत्व होता है। छठ के 4 दिन दिन 1: नहाय खाय- छठ पर्व के पहले दिन को 'नहाय खाय' कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'स्नान और भोजन' जहां भक्...