Maa Tutla Bhawani Mandir and Waterfall (मां तुतला भवानी की प्राचीन मंदिर और जलप्रपात )

मां तुतला भवानी की प्राचीन मंदिर और जलप्रपात के बारे में

tutla waterfall


 बिहार के रोहतास जिले के डेहरी अनुमंडल के तिलौथू प्रखण्ड में मां तुतला भवानी की प्राचीन मंदिर और साथ में वाटरफॉल  स्तिथ है। तुतला भवानी धाम का मंदिर रोहतास जिला मुख्यालय से 38KM दूर और डेहरी ऑन सोन अनुमंडल से करीबन 22 किलोमीटर दूर तिलौथू प्रखंड में कैमूर की मनोरम पहाडियों की घाटी में स्थित है। । तुतला भवानी मंदिर के आसपास की प्राकृतिक छटा मनोरम है।उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व से, ये दो बड़े पहाड़ हैं। दो बड़े पहाड़ एक उत्तर पश्चिम से और दूसरा दक्षिण पूर्व से एक हरी घाटी बनाने के लिए अभिसरण करते हैं जो 1 मील तक फैली हुई है, बीच में एक झरना गिरता है और घाटी के बीच से एक कचुआर नदी बहती है।  

यह सब एक आकर्षक दृश्य बनाता है, पूर्व से यह घाटी 300 मीटर की दूरी तक फैली हुई है, पश्चिम से यह पश्चिम से केवल 50 मीटर तक सिकुड़ जाती है, एक वसंत गिरावट बनाई जाती है जो 200 मीटर की ऊंचाई से गिरती है।

प्राचीन इतिहास

12वीं शताब्दी की बेहद प्राचीन है शक्तिपीठ मां तुतला भवानी का मंदिर

मां तुतला भवानी (Maa Tutla Bhawani) मंदिर बेहद ही प्रचीन है। मां के प्रतिमा के अगल बगल कई शिलालेख मौजूद है जिससे साफ़ पता चलता है कि उस समय के स्थानीय राजा द्वारा उकेरा गया  है। 12वीं शताब्दी का एक प्रमाण यह भी है कि मां जगद्धात्री दुर्गा (मां तुतला भवानी) शिलालेख पर 19 अप्रैल 1158 लिखा हुआ है।

फ्रांसिसी इतिहासकार बुकानन 14 सितम्बर 1812 ई के रोहतास यात्रा के लिए पहुचे थे। वे अपनी यात्रा में लिखते है कि यह प्रतिमा प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध है। तुतला भवानी की दो प्रतिमाएं विराजमान है। एक पुरानी और खंडित प्रतिमा है जबकि दूसरी नई है। वहा आसपास देखने पर कई शिलालेख हैं।

रोहतास के इतिहासकार डा. श्याम सुन्दर तिवारी के अनुसार पुराना शिलालेख शारदा लिपि में 8 वीं सदी का है, जो अपठित है। और इसके बाद का शिलालेख बारहवीं सदी के  खरवार के राजा धवलप्रताप देव ने स्थापित करवाया था है। 19 अप्रैल 1158 ई. में दुर्गा की दूसरी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के समय लिखा गया है।

दूसरी प्रतिमा की शिलालेख में राजा धवलप्रताप देव की पत्नी सुल्ही, भाई त्रिभुवन धवल देव, पुत्र बिक्रमध्वल देव, साहसध्वल देव तथा पांच पुत्रियों के साथ पूजा अर्चना के साथ प्राण प्रतिष्ठा करायी है। इसकी पुष्टि शिलालेख करता है।तुतला अष्टभुजी भवानी की मूर्ति गड़वाल कालीन कला का सुंदर झलक है। माता का प्रतिमा देखने से पता चलता है कि दैत्य महिषासुर की गर्दन से निकल रहा है, जिसे देवी अपने दोनों हाथो से पकड़कर त्रिशूल से मार रही हैं।

देखने के लिए दृश्य



गर आप प्राकृतिक सौंदर्य का नज़ारा देखना चाहते है तो बिहार के रोहतास जिले में एक बार अवश्य आगमन करें। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रकृति की असीम कृपा जिले में बनी हुई है।

तुतला भवानी जलप्रपात (Tutla Bhawani Waterfall) का नजारा इतना सुन्दर और मनमोहक है कि यहाँ घूमने और पिकनिक मानाने के लिए दूर-दूर से लोग आते है। तुतला भवानी जलप्रपात का आनंद लेने के अलावा माँ तुतला भवानी के दर्शन करने के लिए बहुत दूर दराज से लोग भी आते है।

मां तुतला भवानी कैमूर पहाड़ियों के हरे भरे घाटियों में विराजमान है। माता के दर्शन के लिए नवरात्र के समय काफी भीड़ होती है। कुछ समय पहले तक श्रद्धालुओं के लिए यहाँ कोई सुविधा मौजूद नहीं थी और पथरीले मार्ग से होते हुए दर्शन के लिए जाना पड़ता था लेकिन अब श्रद्धालुओं के लिए झूला पुल का निर्माण कर दिया गया है।

जिसके माध्यम से सभी लोग माता के दर्शन के लिए बड़े ही आसानी से मंदिर तक पहुँच जाते है। यह झूला पुल बेहद ही आकर्षक है और इस पुल से जलप्रपात और चारों ओर हरी भरी घाटियों को देखने का एक अलग ही सुकून महसूस होता है।

इस जलप्रपात के चारो तरफ सिर्फ और सिर्फ हरियाली ही नजर आएंगे। जब आप तिलौथू बाजार से तुतला भवानी जलप्रपात की ओर बढ़ेंगे तब आपको कुछ ऐसा नजारा दिखेगा जैसे आसमान के बादलों के साथ कैमूर पर्वत श्रृंखला का मिलन हो रहा है। यह दृश्य इतना शानदार होता है कि इसे शब्दों में बयां कर पाना काफी मुश्किल है।

यात्रा करने का सही समय

यहाँ घूमने का सबसे शानदार ऐहसास आपको मॉनसून के वक़्त होगा क्योंकि इस वक़्त अधिक पानी होने के कारण जलप्रपात का दृश्य आपको रोमांच से भर देता है। इसे रोहतास जिले का जन्नत या फिर बिहार राज्य का जन्नत कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा।

कैसे पहुंचे तुतला भवानी मंदिर 

मां तुतला भवानी का मंदिर का रोहतास जिला मुख्यालय से 38KM दूर तिलौथू प्रखंड में कैमूर की मनोरम पहाडियों में स्थित है। यहाँ पहुचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन डेहरी आन-सोन है। वहीं निकटतम बस स्टैंड रामडिहरा आन-सोन है। यह बस स्टैण्ड NH-2 सी (डेहरी-यदुनाथपुर पथ) पर अवस्थित है। यहां से 5 किमी. पश्चिम कैमूर पहाड़ी की घाटी में जाना पड़ता है। इसके लिए आटो रिक्शा उपलब्ध है। मंदिर से 100 मीटर की दूरी तक सड़क बनी हुई है। 60 किलोमीटर पश्‍चिम में मुंडेश्‍वरी माता का मंदिर है, जो पहा़ड पर स्थित है।




Comments

popular

NAINI MANDIR CHHAPRA --------नैनी मंदिर छपरा-भव्य द्वारिकाधीश मंदिर छपरा

Mahavir mandir patna - Hanuman mandir

Vaishno Mata Gufa Mandir amnour chapra